Der Kölner Willy Pesch verteidigte seinen Einbandtitel und qualifizierte sich damit für die Weltmeisterschaft im französischen Montargis. Platz zwei holte der Gelsenkirchener Gerd Thielens vor dem amtierenden Fünfkampf-Weltmeister August Tiedtke.
Name |
MP |
Pkte |
Aufn. |
ED |
HS
|
1. Spielrunde
|
Willy Pesch |
0:2 |
110 |
45 |
2,44 |
12
|
August Tiedtke |
2:0 |
150 |
45 |
3,33 |
12
|
Gerd Thielens |
2:0 |
150 |
46 |
3,26 |
15
|
Carl Foerster |
0:2 |
113 |
46 |
2,46 |
13
|
|
Name |
MP |
Pkte |
Aufn. |
ED |
HS
|
2. Spielrunde
|
August Tiedtke |
2:0 |
150 |
46 |
3,26 |
15
|
Carl Foerster |
0:2 |
108 |
46 |
2,35 |
9
|
Gerd Thielens |
0:2 |
73 |
37 |
1,97 |
10
|
Willy Pesch |
2:0 |
150 |
37 |
4,05 |
18
|
|
Name |
MP |
Pkte |
Aufn. |
ED |
HS
|
3. Spielrunde
|
Willy Pesch |
2:0 |
150 |
42 |
3,57 |
25
|
Carl Foerster |
0:2 |
77 |
42 |
1,84 |
13
|
Gerd Thielens |
2:0 |
150 |
41 |
3,66 |
10
|
August Tiedtke |
0:2 |
96 |
41 |
2,34 |
12
|
|
Legende
MP |
Match Points (Sieger = 2; Unentschieden = 1; Verlierer = 0)
|
Pkte. |
Erzielte Karambolagen
|
Aufn. |
Benötigte Versuche
|
GD |
Generaldurchschnitt
|
BED |
Bester Einzeldurchschnitt eines Spielers
|
HS |
Höchstserie
|
|
Bester GD des Turniers
|
|
Bester ED des Turniers
|
|
Beste HS des Turniers
|
|
1. Platz (Gold)
|
|
2. Platz (Silber)
|
|
3. Platz (Bronze)
|
Klassement[1][2]
|
Platz |
Name |
MP |
Pkte. |
Aufn. |
GD |
BED |
HS
|
1 |
Willy Pesch |
4:2 |
410 |
124 |
3,30 |
4,05 |
25
|
2 |
Gerd Thielens |
4:2 |
373 |
124 |
3,008 |
3,65 |
15
|
3 |
August Tiedtke |
4:2 |
396 |
132 |
3,000 |
3,33 |
15
|
4 |
Carl Foerster |
0:6 |
298 |
134 |
2,22 |
– |
13
|
Turnierdurchschnitt: 2,87
|
- ↑
Robert Court: Billard-Zeitung. 17. Jahrgang, Nr. 2. Köln Januar 1937, S. 25.
- ↑
Dieter Haase, Heinrich Weingartner: Enzyklopädie des Billardsports. 1. Auflage. Band 2. Verlag Heinrich Weingartner, Wien 2009, ISBN 978-3-200-01489-3, S. 718.